मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार आज ज्यादातर लोग चिंता और अवसाद से ग्रस्त हैं, लेकिन इसका हल तलाशने में संकोच करते हैं। डॉक्टर इसके लिए सोशल मीडिया को भी जिम्मेदार ठहराते हैं। यहां ज्यादातर लोग, खासकर युवा, व्यक्तिगत संबंधों के बजाय डिजिटल संपर्कों की तलाश में रहते हैं।

 

रोज 15 सिगरेट पीने जितना खतरनाक है अकेलापन

 

विशेषज्ञों के अनुसार, अकेलापन से पैदा होने वाले स्वास्थ्य जोखिम एक दिन में 15 सिगरेट पीने जितना ही खतरनाक हैं। यह मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता से जुड़े जोखिमों से भी ज्यादा है। अकेलेपन को अक्सर विकसित देशों की समस्या माना जाता है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि दुनिया के सभी क्षेत्रों में चार में से एक वृद्ध व्यक्ति के सामाजिक अलगाव का अनुभव करने की दर समान है। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार वृद्ध लोगों में अकेलेपन के कारण मनोभ्रंश विकसित होने का जोखिम 50 प्रतिशत बढ़ जाता है। इससे कोरोनरी धमनी रोग या स्ट्रोक का जोखिम 30 प्रतिशत बढ़ जाता है।

 

अकेलापन क्या है?

 

अकेलापन इंसान के जीवन में ऐसी स्थिति है जब वह खुद को दूसरों से दूर अकेला पाता है। अकेलापन हर व्यक्ति के लिए अलग होता है। इसका कोई एक सामान्य कारण नहीं है। इसलिए इस मानसिक स्थिति की रोकथाम और उपचार अलग-अलग हो सकते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, अकेलापन सामाजिक अलगाव, खराब सामाजिक कौशल, अंतर्मुखता और अवसाद से जुड़ा है।

 

अकेलेपन का मतलब जरूरी नहीं कि अकेले रहना ही हो। अगर आप अकेला और अलग-थलग महसूस करते हैं तो अकेलापन आपके दिमाग पर असर डालता है। जैसे- कॉलेज का एक नया छात्र रूममेट्स और दूसरे साथियों से घिरे होने के बावजूद अकेलापन महसूस कर सकता है। सैन्य करियर की शुरुआत करने वाला एक सैनिक, किसी विदेशी देश में तैनात होने के बाद, लगातार दूसरे सैन्य सदस्यों से घिरे रहने के बावजूद, अकेलापन महसूस कर सकता है।

 

अकेलेपन से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम 

 

शराब और नशीली दवाओं का दुरुपयोग

दिमाग के काम करने के तरीके में बदलाव

अल्जाइमर रोग का बढ़ना

असामाजिक व्यवहार

हृदय रोग और स्ट्रोक

स्मृति और सीखने की क्षमता में कमी

अवसाद और आत्महत्या

तनाव का स्तर बढ़ना

निर्णय लेने में कठिनाई

 

अकेलेपन से कैसे बचें?

 

सामुदायिक गतिविधि में शामिल होना: आप ऐसे सामाजिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं जिसमें आपको आनंद आता हो। इससे आपको अपने जैसी सोच के नए दोस्त मिल सकते हैं। सामाजिक मेलजोल बढ़ेगा।

 

सबसे अच्छा की अपेक्षा करें: अकेले लोग अक्सर अस्वीकृति की अपेक्षा करते हैं। इसकी जगह अपने सामाजिक संबंधों में सकारात्मक विचारों और दृष्टिकोणों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें।

 

अच्छे रिश्ते बनाए: ऐसे लोगों से संपर्क करें जिनके दृष्टिकोण, रुचियां और मूल्य आपके जैसे हों।

 

अकेलेपन के प्रभावों को समझें: अकेलेपन के शारीरिक और मानसिक परिणाम होते हैं। आप इनके लक्षणों को पहचानें और जानें कि वे आपको शारीरिक और भावनात्मक रूप से कैसे प्रभावित करते हैं।

 

मौजूदा रिश्ते को मजबूत बनाएं: नए रिश्ते बनाना जरूरी है, लेकिन अपने मौजूदा रिश्तों को बेहतर बनाना भी अकेलेपन से लड़ने का एक बेहतरीन तरीका हो सकता है। किसी ऐसे दोस्त या परिवार के सदस्य को फोन करें जिससे आपने कुछ समय पहले बात की हो।

 

भरोसेमंद दोस्त या परिवार के सदस्य से बात करें: अपने जीवन में किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना जरूरी है जिससे आप अपनी भावनाओं के बारे में बात कर सकें। यह कोई ऐसा व्यक्ति हो सकता है जिसे आप जानते हों, जैसे कि परिवार का कोई सदस्य। आप अपने डॉक्टर या थेरेपिस्ट से भी बात कर सकते हैं।

By AMRITA

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