डेस्क : आंखें केवल देखने का साधन नहीं हैं, बल्कि शरीर का दर्पण भी हैं। इनसे हमारी खुशी, ग़म और गुस्सा झलकता है। यही नहीं, आंखें कई बीमारियों के शुरुआती संकेत भी देती हैं। उन्हीं में से एक है हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप), जिसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है।शुरुआत में इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते और यह शरीर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि इसकी शुरुआती चेतावनी हमारी आंखें दे सकती हैआंखों में दिखती हैं शरीर की रक्त नलिकाएं
आधुनिक विज्ञान और आयुर्वेद दोनों ही कहते हैं कि आंखें शरीर का आईना होती हैं। इनकी बनावट ऐसी है कि इनमें मौजूद नाजुक रक्त नलिकाएं (blood vessels) सीधे दिखाई देती हैं। जब शरीर में ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो सबसे पहले असर इन्हीं पतली नलिकाओं पर पड़ता है। यह बदलाव बहुत सूक्ष्म होता है और अक्सर महसूस नहीं होता। इसलिए, शुरुआत में हाई ब्लड प्रेशर का पता केवल आंखों की जांच के जरिए लगाया जा सकता है
।हाई ब्लड प्रेशर से रेटिना को नुकसान.,:लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर बने रहने पर आंखों की रेटिना को गंभीर नुकसान हो सकता है। इस स्थिति को हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी कहा जाता है। शुरुआत में आंखों की नाजुक रक्त नलिकाएं मोटी और सख्त हो जाती हैं, जिससे उनमें लचीलापन कम हो जाता है। समय के साथ दृष्टि धुंधली होने लगती है और अगर समय पर इलाज न मिले, तो अचानक दृष्टि पूरी तरह से समाप्त भी हो सकती है।
रेटिना की धमनी ब्लॉक होना ,:कई बार ब्लड प्रेशर इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि आंखों के अंदर खून और तरल पदार्थ का रिसाव शुरू हो जाता है, जिससे आंखों में सूजन आ जाती है। यह स्थिति और गंभीर तब हो जाती है जब रेटिना की मुख्य धमनी या नस पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती है। ऐसे में मरीज को अचानक दिखना बंद हो सकता है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी होती है और इसमें तुरंत डॉक्टर से जांच और इलाज कराना बेहद जरूरी है।
आयुर्वेद के अनुसार :आंखें वात, पित्त और कफ तीनों दोषों के संतुलन को दर्शाती हैं।हाई बीपी को वात दोष का असंतुलन माना जाता है।आंखों में जलन, भारीपन और धुंधलापन इसके शुरुआती संकेत हैं।इसलिए जिन्हें ब्लड प्रेशर की समस्या है उन्हें साल में कम से कम एक बार रेटिना की जांच जरूर करवानी चाहिए।आंखें केवल भावनाओं का दर्पण नहीं हैं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों का पहला संकेत भी देती हैं। हाई ब्लड प्रेशर को समय रहते पकड़ने और गंभीर नुकसान से बचने के लिए नियमित आंखों की जांच बेहद जरूरी है।