चूने के मुख्य स्वास्थ्य लाभ हड्डियों और दाँतों को मजबूत करना, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देना, पाचन में सुधार करना और मांसपेशियों के दर्द को कम करना है, क्योंकि यह कैल्शियम और विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है। इसे दाल, दही, या विभिन्न प्रकार के फलों के रस के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
हड्डियों और दाँतों का स्वास्थ्य
हड्डियों को मजबूती:
चूने में मौजूद कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाता है, साथ ही घुटनों के दर्द और रीढ़ की हड्डी की कमजोरी में भी राहत देता है।
दाँतों का स्वास्थ्य:
यह दाँतों को मजबूत बनाने में सहायक है और दाँत दर्द से राहत दिला सकता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली और पोषक तत्व
इम्युनिटी बढ़ाता है:
विटामिन सी से भरपूर होने के कारण यह श्वेत रक्त कोशिकाओं (white blood cells) के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे संक्रमण से बचाव होता है और प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
ऊर्जा और ताकत:
यह शरीर की ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
शारीरिक विकास और अन्य लाभ
ऊंचाई बढ़ाने में सहायक:
बचपन से सही मात्रा में चूना लेने से शरीर की लंबाई बढ़ाने में मदद मिलती है।
गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी:
गर्भ के समय चूना मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
पाचन में सुधार:
चूने का पानी पीने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और शरीर से गंदगी बाहर निकालने में मदद मिलती है।
अन्य उपयोग
फोड़े-फुंसी में राहत:
चूने और हल्दी का लेप लगाने से फोड़े-फुंसी में राहत मिलती है।
मांसपेशियों के दर्द में राहत:
मोच या मांसपेशियों में दर्द होने पर चूने और हल्दी का लेप लगाने से आराम मिल सकता है।
कैसे करें सेवन?
इसे दाल, दही, फलों के रस (जैसे अनार या गन्ने का रस), या पानी में मिलाकर लिया जा सकता है।
सुबह खाली पेट सेवन करना अधिक फायदेमंद माना जाता है।
एक छोटे मिट्टी के बर्तन में चूने का एक टुकड़ा डालकर उसे पानी से भरें। चूना नीचे बैठ जाएगा और पानी ऊपर रहेगा। इस पानी का एक चम्मच किसी भी खाद्य पदार्थ के साथ लेना चाहिए।
50 वर्ष की आयु के बाद कैल्शियम की दवाएं शरीर में जल्दी नहीं घुलती हैं, जबकि चूना तुरंत घुलकर पच जाता है।
यदि किसी को पीलिया हो जाए, तो चूना सबसे प्रभावी उपाय है। गेहूँ के दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में मिलाकर देने से पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है।
छात्रों के लिए चूना फायदेमंद है, क्योंकि यह लम्बाई बढ़ाने में मदद करता है। रोजाना गेहूँ के दाने के बराबर चूना दही में मिलाकर खाना चाहिए। यदि दही नहीं है, तो इसे दाल में मिलाकर खा सकते हैं, या पानी में मिलाकर पी सकते हैं। इससे लम्बाई बढ़ने के साथ-साथ स्मरण शक्ति भी बेहतर होती है।
जो बच्चे मानसिक रूप से धीमे हैं, उनके लिए चूना एक बेहतरीन उपाय है। गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोजाना दाल, लस्सी या पानी में मिलाकर देना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को चूना देना चाहिए। एक कप अनार का रस और गेहूँ के दाने के बराबर चूना मिलाकर रोजाना नौ महीने तक देना चाहिए। इसके चार लाभ हैं:
पहला लाभ: माँ को बच्चे के जन्म के समय कोई परेशानी नहीं होगी और नॉर्मल डिलीवरी होगी।
दूसरा लाभ: बच्चा स्वस्थ और तंदुरुस्त होगा।
तीसरा लाभ: बच्चा जल्दी बीमार नहीं पड़ेगा।
चौथा लाभ: बच्चा बुद्धिमान और प्रतिभाशाली होगा।
यदि शरीर में खून की कमी हो जाए, तो चूना लेना चाहिए। एनीमिया के लिए चूना सबसे अच्छा उपाय है। इसे गन्ने के रस, संतरे के रस या अनार के रस में मिलाकर पीना चाहिए। इससे खून तेजी से बढ़ता है।