लंबे समय तक बैठकर काम करना, कम शारीरिक गतिविधि, बढ़ता वजन और खराब आहार इसके प्रमुख कारण हैं। लोग अक्सर दवाओं का सहारा लेते हैं, जो थोड़े समय के लिए राहत देती हैं, लेकिन दर्द फिर से लौट आता है। यदि आप अपने घुटनों को मजबूत और दर्दमुक्त करना चाहते हैं, तो योग एक सरल और प्रभावी उपाय है।
योग के कई आसन घुटनों के आस-पास की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और उनमें लचीलापन लाते हैं। ये आसन दवाओं की तुलना में अधिक स्थायी राहत प्रदान कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन 5 योग आसनों के बारे में जो आपके घुटनों को नई ताकत देंगे।
वृक्षासन: संतुलन और मजबूती का आसन
वृक्षासन शरीर के संतुलन को सुधारता है और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। इसे करने के लिए सीधे खड़े होकर एक पैर को मोड़ें और उसे दूसरी जांघ पर रखें। फिर दोनों हाथों को सिर के ऊपर जोड़कर नमस्कार की मुद्रा बनाएं।
इस दौरान आपका पूरा वजन एक पैर पर होता है, जिससे घुटनों के आस-पास की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह आसन धीरे-धीरे घुटनों को सहारा देने वाले हिस्सों को ताकत देता है और संतुलन में सुधार करता है।
सेतुबंधासन: घुटनों पर दबाव कम करें
सेतुबंधासन को पीठ के बल लेटकर किया जाता है। इसमें घुटनों को मोड़कर पैर जमीन पर रखें और धीरे-धीरे कूल्हों और कमर को ऊपर उठाएं।
यह आसन जांघों, पिंडलियों और पीठ की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे घुटनों पर दबाव कम होता है। नियमित अभ्यास से घुटनों के आसपास का तनाव कम होता है और लचीलापन बढ़ता है।
वीरासन: घुटनों को बनाए लचीला
वीरासन में घुटनों को मोड़कर एड़ियों के बीच बैठें। यदि यह कठिन लगे, तो तकिया या योगा ब्लॉक का उपयोग करें। यह आसन जांघों में खिंचाव लाता है और घुटनों को लचीला बनाता है। खासकर उन लोगों के लिए यह फायदेमंद है, जो लंबे समय तक खड़े रहते हैं या जिनके पैरों में थकान होती है।
बालासन: रिलैक्स और राहत का आसन
बालासन एक आरामदायक आसन है। इसमें घुटनों के बल बैठकर छाती को जांघों पर टिकाएं और माथा जमीन पर रखें। यदि बुजुर्गों को झुकने में कठिनाई हो, तो सिर के नीचे तकिया रख सकते हैं। यह आसन घुटनों को बिना ज्यादा जोर दिए धीरे-धीरे फैलाता है और रक्त संचार बढ़ाकर सूजन और दर्द में राहत देता है।