खजूर जिसे डेट्स भी कहा जाता है, न सिर्फ स्वाद में मीठे होते हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद माने जाते हैं. खजूर में भरपूर मात्रा में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और जरूरी मिनरल्स होते हैं जो इसे पाचन, दिल, दिमाग, हड्डियों के लिए एक बेहतर विकल्प बनाते है.

साथ ही कैंसर, डायबिटीज, सूजन, मोटापा जैसे समस्याओं को भी मैनेज करने के लिए खजूर एक नेचुरल सप्लीमेंट साबित होते हैं.

 

हर दिन कितने खजूर खाने चाहिए?

 

रोजाना दो से तीन खजूर खाकर आप इसके फायदों को पा सकते हैं. लेकिन इसे खाते वक्त थोड़ी सावधानी बरतनी जरूरी है. क्योंकि खजूर के अंदर फंगस लगा हो सकता है जो पेट में पहुंचकर इंफेक्शन कर सकता है.

 

खजूर में क्यों पनपती है फफूंदी?

 

खजूर में नेचुरल रूप से शुगर और नमी की मात्रा अधिक होती है. यही दो बातें फफूंदी और फंगस के लिए अनुकूल माहौल बना देती हैं. कई बार यह सतह से दिखती भी नहीं है, लेकिन अंदर ही अंदर खतरनाक रूप से विकसित हो चुकी होती है.

 

फफूंदी वाला खजूर खाने से क्या हो सकता है?

 

फफूंदी के कुछ प्रकार हानिकारक नहीं होते, लेकिन कुछ बेहद खतरनाक टॉक्सिन्स बनाते हैं जिन्हें मायकोटॉक्सिन्स कहा जाता है. ऐसे में जब हम फंगस वाले खजूर खाते हैं तो दस्त, उल्टी, पेट दर्द जैसे लक्षण दिख सकते हैं.

 

फफूंदी से होने वाली एलर्जी के लक्षण

 

– नाक बहना या बंद होना

– गले या आंखों में खुजली

– खांसी और छींक

– सिरदर्द और त्वचा पर रैश

– सांस लेने में दिक्कत, खासकर अस्थमा के मरीजों को

 

कुछ मामलों में व्यक्ति को तेज बुखार, थकावट और फ्लू जैसे लक्षण भी हो सकते हैं. गंभीर मामलों में यह फेफड़ों में संक्रमण या एनाफिलेक्सिस जैसी जानलेवा स्थिति भी पैदा कर सकती है.

 

कैसे करें बचाव

 

खजूर को खाने से पहले अच्छे से धोएं और बीच से काटकर अंदर की जांच करें. यदि अंदर फफूंदी या अजीब सी परत दिखाई दे, तो उसे बिल्कुल न खाएं.

 

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन                           क्वालीफाईड डायटीशियन                                   डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद

By AMRITA

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *