वैसे तो  नोनी फल आम जनता की जानकारी से दूर है, लेकिन इसमें इतनी भरपूर पौष्टिकता है और कई असाध्य रोगों से लड़ने की क्षमता है कि वैज्ञानिकों ने भी इसपर रिसर्च करके इस बात की पुष्टि की है की नोनी फल संजीवनी से काम नहीं है।

वाकईइसके रूप में वैज्ञानिकों को एक ऐसी संजीवनी हाथ लगी है जो स्वास्थ्य के लिए अमृत समान है।

अस्थमा, गठिया, मधुमेह, दिल की बीमारी, नपुंसकता, स्त्रियों की बीमारिया एवम् बांझपन सहित कई बीमारियों के इलाज में रामबाण साबित हो रहा है।

इतना ही नही बल्कि पान-मसाला, गुटखा, तंबाकू की जिसे आदत है वे अगर नोनी खायेंगे या उसका जूस पिएंगे तो उनकी इस तरह की तरह आदतें छूट जाएँगी और कैंसर भी नही होगा। इस फल से प्रतिरोधक क्षमता इतनी अद्भुत तरीके से बढ़ती है की फिर एड्स क्यों न हो उसको भी यह क्योर करने का दम रखता है।

 

यह एक प्रकार का पौधा है, इसे मोरिन्डा सिट्रीफोलिया के नाम से जाना जाता है। इस फल को कई नामों से जाना जाता है, जैसे- हॉग एपल, चीज फल, लेड, दर्द निवारक वृक्ष और भारतीय शहतूत (हिंदी में आच, आक, आल, तमिल में वेन नूना, मलायालम में कट्टपिटलवम, तेलगु में मद्दी, मोलुगु मुलुगु)|

 

नोनी पोषक तत्वों से भरपूर एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सिडेंट और कोशिका रक्षक आहार है। यह पोटेशियम का एक मात्र सोत्र है और इम्यून सिस्टम, संचार प्रणाली, पाचन तंत्र, मेटाबोलिक सिस्टम, टिशूस और कोशिकाओं, त्वचा और बालों को सहायता करता है। यह पूरे परिवार के लिए सुरक्षित है और जवान एवं बुजुर्गों, दोनों के लिए ही लाभदायक है। यह शरीर की विषाक्तता दूर करने के लिए पंचामृत है ।

 

नोनी के फायदे-

यह त्वचा के घाव भरने में मदद करता है। यह मुहांसों के उपचार में भी सहायक है।

उच्च रक्तचाप और माइग्रेन से पीड़ित व्यक्तियों के लिए लाभदायक है।

यह जोड़ों के दर्द, अकड़न, जोड़ों की गतिहीनता की समस्याओ आदि में सहायता करता है।

सांस की बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को इसके सेवन से अत्यधिक लाभ मिलता है।

मुहांसों, एक्जीमा, सोरियासिस के मामले में सहायता करता है।

ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायता करता है,और मधुमेह में यह कारगार है।

इम्यून सिस्टम प्रणाली को मजबूत बनाता है क्योंकि इसमे कई आवश्यक विटामिन और मिनरल होते है।

गंजेपन और बालों से सम्बंधित समस्याओं की देखभाल करता है।

कब्ज, बदहजमी, दस्त आदि से पीड़ित व्यक्तियों को नोनी के सेवन से रोगों की मुक्ति मिलती है।

 

नोनी निम्नलिखित अवस्थाओ में उपयोगी हो सकता है-

 

कैंसर में (इम्यून सिस्टम)

गठिया (जोड़ों की जकड़न, अकड़न एवं जोड़ों के स्वास्थ्य में)

दमा (सांस संबंथी समस्याओं में)

त्वचा संबंधी समस्याओं (खाज, मुंहासे, सोरियासिस एवं रोसासिया में)

संक्रमण एवं वाइरस (इम्यून सिस्टम)

पाचन (कब्ज, परजीवियों एवं दस्त)

दर्द (अनियमित माहवारी)

इम्पोटेंसी इम्यून सिस्टम की विफलता (एड्स एवं वाइरस)

मधुमेह, उच्च रक्तचाप,सरदर्द (माइग्रेन) में

 

शोध के मुताबिक

 

एक ताजा शोध के मुताबिक नोनी फल कैंसर व लाइलाज एड्स जैसी खतरनाक बीमारियों में भी कारगर साबित हो रहा है। वहीं भारत में वर्ल्ड नोनी रिसर्च फाउंडेशन सहित कई शोध संस्थान शोध कर रहे हैं।

हाल ही में नोनी के इन रहस्यमयी गुणों का खुलासा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में एक सेमिनार में हुआ। कृषि वैज्ञानिक नोनी को मानव स्वास्थ्य के लिए प्रकृति की अनमोल देन बता रहे हैं।

इन वैज्ञानिकों के अनुसार समुद्र तटीय इलाकों में तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, गुजरात, अंडमान निकोबार, मध्यप्रदेश सहित नौ राज्यों में 653 एकड़ में इसकी खेती हो रही है।

 

वहीं कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व चेयरमैन व वर्ल्ड नोनी रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. कीर्ति सिंह ने कहा – “इस फल में दस तरह के विटामिन, खनिज पदार्थ, प्रोटीन, फोलिक एसिड सहित 160+ पोषक तत्व हैं।”

उन्होंने कहा कि – “इसके इतने पोषक तत्वों की मौजूदगी के चलते उच्च रक्तचाप, हृदय, मधुमेह, गठिया, सर्दी जुकाम सहित अनेक बीमारियों में औषधि के रूप में काम आता है ।”

उन्होंने यह भी बताया कि, “यह फल एक बेहतरीन एंटी ऑक्सिडेंट है, यदि शुरू से इसका सेवन किया जाए तो कैंसर नहीं होगा, फाउंडेशन कैंसर व एड्स पर नोनी के प्रभाव का शोध कर रहा है।”

 

शहर में लगभग 25 एड्स मरीजों को नियमित नोनी का जूस पीने को दिया गया और लगातार उन पर ध्यान रखा गया जिसके पश्चात सकारात्मक परिणाम देखने को मिले और अब ज्यादातर मरीज बेहतर महसूस करते हैं।

वहीं इसके अलावा मुंबई, बेंगलुर, हैदराबाद, चेन्नई सहित कई मेट्रो शहरों में दर्जनों कैंसर पीड़ितों को यह दिया जा रहा है जिन्हें अस्पतालों ने डिस्चार्ज कर दिया था।

ये भी देखा जा रहा है कि जिन मरीजों को नोनी दिया जा रहा है, उनकी उम्र भी बढ़ गई है। मगर अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि नोनी के सेवन से कैंसर व एड्स पूरी तरह ठीक ही हो जाएगा, शोध जारी है।

 

वहीं नोनी के बारे में जागरूकता फैलने पर अब इस फल को लेकर दूसरे देशों में भी इस पर शोध चल रहे हैं। इस फल के उन गुणों और तत्वों के बारे में परीक्षण चल रहे हैं जिस कारण ये महत्त्वपूर्ण हो जाता है।

इस समय नोनी की उपयोगिता को ध्यान रखकर ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कृषि स्नातक पाठ्यक्रम में दो साल से नोनी को शामिल कर लिया है। नोनी हमारी सांकृतिक धरोहर है, हमें इसका स्वास्थ्य लाभ उठाना चाहिए।

 

मात्रा

 

नोनी ज्यूस 5 से 15 एम.एल. पानी में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करे। इसकी गोली और जूस आयुर्वेद शॉप में मिल सकता है।

नोनी जूस का सेवन शीशे के गिलास में ५ से १५ एमएल की मात्रा में लेकर उसमे २० से ६० एमएल हल्का गर्म पानी मिलाकर भोजन से आधा घंटा पूर्व सुबह-शाम करना चाहिए।

यदि पेट में बहुत ज्यादा गैस बन रही हो तो १५ एमएल नोनी ६० एमएल गर्म पानी में मिलाकर कहीं भी बैठकर चाय की तरह घूंट घूंट करके धीरे धीरे पियें। आपको पांच दस मिनट में ही गैस से आराम मिल जाएगा।

 

सावधानियां

जीवन में हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पानी, चाय, कॉफ़ी अथवा एलोवेरा , आंवला, नोनी या अन्य कोई भी जूस कभी भूल से भी खड़े होकर और एक घूंट में मत पीजिये। जमीन पर अथवा कुर्सी पर बैठकर जो कुछ भी आप चबाकर खाते हैं या घूंट घूँटकर धीरे धीरे पीतें हैं, वो चमत्कारिक रूप से शरीर को बहुत अधिक फायदा करता है।

एक बात का और विशेष ध्यान रखें कि स्टील का गिलास रासायनिक रिएक्शन के कारण एलोविरा, आंवला और नोनी के प्राकृतिक ओषधीय गुणों में कमी लाता है, इसलिए एलोविरा, आंवला और नोनी का जूस पीने के लिए हमेशा शीशे के गिलास का ही प्रयोग करें।

नोनी १५० से अधिक आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सिडेंट और कोशिका रक्षक आहार है।

हमारे शरीर का आधार कोशिका होता है और यह कोशिकीय स्तर पर कार्य करता है। अत: नोनी हमें हर प्रकार की बीमारियों से बचाने व स्वस्थ रखने में सक्षम है।

टीम हेल्थ वॉच

By AMRITA

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